स्वास्थ्य

होली में करे पलाश के फूलों का उपयोग

पलाश (पलास,परसा, टेसू) एक वृक्ष है जिसके फूल बहुत ही आकर्षक होते हैं। होली के रंग इसके फूलो से तैयार किये जाते रहे है, क्योंकि यह त्वचा के लिए भी बहुत गुणकारी होता है, ये फूल फ़ागुन में ही फूलते है लगभग सभी गांव में इसके पेड़ होते है पलाश का वैज्ञानिक नाम “ब्यूटिया मोनोस्पर्मा” है।

होली के लिए रंग बनाने के अलावा इसके फूलों को पीसकर चेहरे में लगाने से चमक बढ़ती है। पलाश की फलियां कृमिनाशक का काम तो करती ही है इसके उपयोग से बुढ़ापा भी दूर रहता है। पलाश फूल से स्नान करने से ताजगी महसूस होती है। पलाश फूल के पानी से स्नान करने से लू नहीं लगती तथा गर्मी का अहसास नहीं होता इसलिए होली में पलाश के फूलों का रंग बनाना चाहिए। फूलों का रस तितली, मधुमक्खियों बंदरों के अलावा बच्चों को भी बहुत मधुर लगता है। इसके फूलों के गहने बच्चों को बहुत भाते हैं। छत्तीसगढ़ ये की लोकप्रिय गीत इन फूलों पर बनाते और फिल्माए गए हैं जैसे ,रस घोले ये माघ फगुनवा,मन डोले रे माघ फगुनवा,राजा बरोबर लगे मौरे आमा रानी सही परसा फुलवा ।

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