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चतरा में पुलिस और टीएसपीसी के बीच मुठभेड़, दो उग्रवादियों की मौत

सदर और वशिष्ठ नगर थाना क्षेत्र की सीमा पर स्थित लेजवातेरी जंगल में पुलिस और तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी के उग्रवादियों के बीच बुधवार की देर शाम मुठभेड़ हुई। इसमें दो उग्रवादियों को ढेर होने की सूचना है। हालांकि आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हुई है। जोनल कमांडर हरेंद्र गंझू तथा ईश्वरी गंझू के मारे जाने की सूचना है। उग्रवादियों के पास से एक एके 47 और एक कट्टा भी बरामद हुआ है।

पुलिस सूत्रों का दावा है कि मुठभेड़ में टीएसपीसी के उग्रवादियों को व्यापक क्षति हुई है। इसमें दो उग्रवादी मारे गए हैं। मुठभेड़ संध्या चार बजे से प्रारंभ हुई जो रात आठ बजे तक जारी थी। घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस अधीक्षक विकास कुमार पांडेय दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। घटना स्थल के चारों ओर घेराबंदी कर सर्च अभियान चलाया जा रहा है। खबर लिखे जाने तक पुलिस का अभियान जारी था।

उग्रवादियों के पास से एक एके 47 और एक कट्टा भी बरामद

पुलिस को सूचना मिली थी कि टीएसपीसी जोनल कमांडर हरेंद्र गंझू का दस्ता सदर और वशिष्ट नगर थाना क्षेत्र में सक्रिय है। सूचना के आलोक में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी संदीप सुमन के नेतृत्व में छापेमारी दल रवाना हुआ। जैसे ही लेजवतरी जंगल पहुंचा, उग्रवादियों ने सुरक्षा बलों पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस कर्मियों ने मोर्चा संभाला और जवाबी कार्रवाई प्रारंभ कर दी।

मुठभेड़ करीब तीन से चार घंटे तक चली। इसमें दस्ता के दो सदस्य मारे गए हैं। हालांकि मौत को लेकर पुलिस के कोई भी भारी अधिकारी कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं। पुलिस के अधिकारी ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि संभवत दो उग्रवादी मारे गए हैं। इनमें एक की पहचान जोनल कमांडर हरेंद्र गंझू तथा दूसरा उग्रवादी ईश्वरी गंझू है। उग्रवादियों के पास से एक एके 47 और एक कट्टा भी बरामद हुआ है।

उग्रवादी को घायल अवस्था में पुलिसकर्मियों ने धर दबोचा

एक उग्रवादी को घायल अवस्था में पुलिसकर्मियों ने धर दबोचा है। बताते चलें कि इसी साल सात फरवरी को इसी जंगल में पुलिस और टीएसपीसी उग्रवादियों के बीच भीषण मदभेड़ हुई थी। इसमें दो पुलिसकर्मी बलिदान हो गए थे और दो जवान घायल हुए थे। घटना में जोनल कमांडर हरेंद्र गंझू उग्रवादी दस्ते का नेतृत्व कर रहा था। हरेंद्र गंझू टीएसपीसी का दुर्दांत उग्रवादी है और उसके विरुद्ध जिले के विभिन्न थानों में एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं।

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