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JMM को राजद ने बिहार में दिखाया ठेंगा: सीटों के लिए नहीं किया संपर्क

झारखंड विधानसभा चुनाव में लालू प्रसाद यादव का राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने तालमेल को लेकर नाराजगी जताई है। राजद की आपत्ति झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के बीच एकतरफा तालमेल को लेकर है। दोनों दलों ने 70 सीटें बांट ली है। इस एकतरफा निर्णय से राजद खेमे में नाराजगी है।

पार्टी ने इसपर असंतुष्टि जताते हुए कहा है कि उसका दावा अधिक सीटों पर है। यहां उल्लेखनीय है कि बिहार विधानसभा चुनाव में राजद ने झामुमो के दावे को पूरी तरह नकार दिया था। झामुमो की इच्छा सीमावर्ती सीटों पर चुनाव लड़ने की थी, लेकिन राजद ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। आज ऐसी ही नौबत झारखंड में राजद के साथ है।

राजद को दरकिनार कर झामुमो ने कांग्रेस के साथ तालमेल कर लिया। राजद के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार इसका असर आगे दिखेगा। बिहार में राजद की धाक है। इसका ख्याल इन्हें रखना चाहिए।

लालू की पुरानी दोस्ती है शिबू सोरेन से

लालू प्रसाद और शिबू सोरेन की जोड़ी मशहूर थी। मोर्चा से सहायता मिलने के बाद तात्कालिक मजबूरी के चलते लालू ने झारखंड स्वायत्तशासी पर्षद की मंजूरी दी थी। इससे बिहार से अलग झारखंड गठन का रास्ता साफ हुआ।

राजद और झामुमो के बीच भले ही तालमेल को लेकर तल्खी सामने आई है। लेकिन, दोनों दलों के अध्यक्ष के बीच पुराना तालमेल है। कभी झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन की बदौलत लालू प्रसाद बिहार में सत्तारूढ़ हुए थे।

12 से कम सीटों पर राजद तैयार नहीं, कहा- दो तीन सीटें देना गला काटने जैसा

झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए आइएनडीआइए में सीटों के बंटवारे को लेकर नाराज राजद 12 सीटों से कम पर मानने को तैयार नहीं है, जबकि झामुमो और कांग्रेस द्वारा झारखंड की 81 में 70 सीटें आपस में बांट लेने के बाद बची 11 सीटों में अभीतक सात सीटें ही राजद को मिलने की उम्मीद दिख रही है।

बाकी चार सीटें भाकपा माले को दिए जाने की चर्चा है। राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता सांसद मनोज कुमार झा दो दिनों से झारखंड में जमे हैं। रविवार को रांची में उन्होंने नाम लिए बगैर गठबंधन में शामिल कांग्रेस के विधायकों पर भी तंज कसा।

उन्होंने कहा कि भले ही झारखंड में उनके एक ही विधायक-मंत्री हों, लेकिन उनपर कभी उंगली नहीं उठी। हमारे पार्टी के मंत्री सत्यानंद भोक्ता को प्रलोभन दिया गया, लेकिन वे डिगे नहीं। दूसरी ओर कोई कोलकाता में पकड़ा जा रहा था तो कोई कहीं और…।

रविवार को डिबडीह स्थित पार्टी कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने विधानसभा चुनाव को लेकर सीट बंटवारे में उनकी हुई उपेक्षा को भी साझा किया।

राजद 22 सीटों पर काफी मजबूत- मनोज

उन्होंने कहा कि झारखंड में तीन-चार सीटें पार्टी को कतई मंजूर नहीं है। यह भाजपा के विरुद्ध सबसे मजबूती से लड़ने वाली पार्टी का गला काटने जैसा है। राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने पार्टी की आगे की योजना गोलमटोल ढंग से बताई।

मनोज ने कहा कि राजद 22 सीटों पर काफी मजबूत है, जहां गठबंधन के तहत चुनाव लड़कर वह जीत सकता है। इसके बाद भी वे कम से कम 12 सीटों के लिए तैयार हैं।

इतनी सीटें नहीं मिलने पर पार्टी 19-20 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी तथा भाजपा को हराने के लिए शेष सीटों पर कांग्रेस-झामुमो के उम्मीदवारों को सहयोग भी करेगी।

यह उम्मीद भी जताई कि रात तक 12 सीटों को लेकर सहमति बन जाएगी। ऐसा नहीं होने पर पार्टी सोमवार को पूर्वाह्न 11 बजे इन सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर देगी। ऐसे में राजद गठबंधन में रहेगा या नहीं, इस सवाल को उन्होंने टाल दिया।

इतना ही कहा कि पार्टी कोई विध्वंस नहीं करेगी। साथ रहेंगे तो जीतेंगे। अकेले लड़ने पर राजद हर उस विकल्प का हिस्सा बनेगा, जिससे भाजपा को पराजित किया जा सके। कहा कि वे नाव को डूबने नहीं देंगे।

सीएम आवास पर हुई बैठक सौहार्दपूर्ण नहीं

मनोज कुमार झा ने कहा कि शनिवार को सीटों को तालमेल को लेकर सीएम आवास पर हुई बैठक सौहार्दपूर्ण नहीं थी। सीटों के बंटवारे की एकतरफा घोषणा से काफी कष्ट हुआ।

सीटों के बंटवारा को लेकर कल जो हुआ, वह उचित नहीं था। पार्टी को जो सीटें देने की जो बात कही गई, वह कहीं से भी तार्किक नहीं है। बताते चलें कि इस बैठक के बाद झामुमो-कांग्रेस ने 70 सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। शेष 11 सीटें राजद और वामदलों के लिए छोड़ने की बात कही थी।

प्रताड़ना सह कर भी नहीं खेली आंखमिचौनी

राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि उनके नेता जेल जाकर और प्रताड़ना सहकर भी भाजपा के आगे कभी नहीं झ़ुके। बाकी दलों ने प्रताड़ना के बाद आंख मिचौनी खेली, लेकिन उनके नेता ने ऐसा नहीं किया।

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