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ट्रेन और रेल पटरियों पर रील बनाने पर होगी सख्त कार्रवाई, नए दिशानिर्देश जारी

रेल पटरियों और चलती ट्रेनों में रील बनाने वाले सचेत हो जाएं। अगर इन जगहों पर रील बनाने में सुरक्षा के लिए खतरा पैदा किया तो प्राथमिकी होगी। रेलवे बोर्ड ने इस संदर्भ में अपने सभी जोन को निर्देश दिया है। इसमें कहा गया है कि अगर रील बनाने वाले सुरक्षित रेल परिचालन के लिए खतरा उत्पन्न करते हैं या कोचों या रेल परिसरों में यात्रियों के लिए असुविधा का कारण बनते हैं तो उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए।

रील बनाने में लोगों ने सारी हदें पार कर दी हैं
रेलवे बोर्ड का यह निर्देश हालिया कुछ मामलों के सामने आने के बाद आया है, जिसमें खासतौर पर युवकों ने अपने मोबाइल फोन से रेल पटरियों और चलती ट्रेनों में स्टंट करते वीडियो बनाने में रेल सुरक्षा के साथ समझौता किया।

बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'रील बनाने में लोगों ने सारी हदें पार कर दी हैं। वे न केवल अपनी जान को जोखिम में डालते हैं बल्कि रेल पटरियों पर वस्तुओं को रखकर या वाहन चलाकर या चलती ट्रेनों में खतरनाक स्टंट करके सैकड़ों यात्रियों की सुरक्षा को भी खतरे में डालते हैं।'

उन्होंने कहा, 'ऐसे कई वीडियो प्रसारित हुए हैं, जिसमें दिखा कि सेल्फी लेने में लोग ट्रेन के समीप चले गए, जिससे उनकी मौत हो गई। ट्रेन की चपेट में आने से कई लोगों की मौके पर ही जान चली गई।'
रेलवे बोर्ड अधिकारियों के अनुसार, रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) को नियमों का उल्लंघन करके रील बनाने वालों के प्रति जीरो टालरेंस की नीति अपनाने को कहा गया है।

रेलवे प्रमुख रूटों पर कवच 4.0 को तेजी से करेगा स्थापित
भारतीय रेलवे ने कहा कि वह देश भर में दस हजार रेल इंजनों और 14,375 से अधिक रूट किलोमीटर (आरकेएम) पटरियों पर उन्नत कवच 4.0 स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली की तैनाती में तेजी ला रहा है। भारतीय रेलवे का लक्ष्य 2030 तक सभी प्रमुख मार्गों पर कवच को तेजी से लागू करना है। असम के मालीगांव के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, कवच प्रणाली की स्थापना के लिए बोलियाँ पहले ही आमंत्रित की जा चुकी हैं।

विज्ञप्ति में कहा गया है, कुल 14,735 आरकेएम में से 1,105 आरकेएम पर स्थापना के लिए बोलियां खोली गई हैं। शेष बोलियां नवंबर 2024 के अंत तक खोली जाएंगी। इसके अतिरिक्त, भारतीय रेलवे ने 10 हजार रेल इंजनों पर कवच प्रणाली की स्थापना के लिए निविदाएं आमंत्रित की हैं। इन वित्तीय बोलियाँ वर्तमान में मूल्यांकन के अधीन हैं।

कवच के पुराने संस्करणों से लैस सभी इंजनों को नवीनतम कवच 4.0 प्रणाली में अपग्रेड किया जाएगा। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे क्षेत्र में, मालदा टाउन से डिब्रूगढ़ तक लगभग 1,966 आरकेएम को कवच के कार्यान्वयन के लिए चिह्नित किया गया है।

कवच 4.0 को लागू करके रेलवे यात्रियों
हाल के वर्षों में भारतीय रेलवे ने रेल दुर्घटनाओं को कम करने के लिए कई पहल की हैं। कवच 4.0 को लागू करके रेलवे यात्रियों के लिए यात्रा को सुरक्षित बनाने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। यह पहल देश भर में रेलवे नेटवर्क को मजबूत करने और सुरक्षा उपायों को बढ़ाने की व्यापक योजना का हिस्सा है।

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