मनोरंजन

छत्तीसगढ़-राइस मिल एसोसिएशन की बैठक, पुराना भुगतान सहित 6 सूत्री मांगो पर CM से लगाई गुहार

रायपुर।

छत्तीसगढ़ प्रदेश राइस मिल एसोसिएशन की बैठक आज रायपुर के एक होटल में संपन्न हुई, जिसमें प्रदेश कार्यकारिणी के समस्त पदाधिकारी, 33 जिलों के अध्यक्ष, महामंत्री और राइस मिलर्स ने भाग लिया। बैठक में मिलर्स के पुराने भुगतान और खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 की पॉलिसी को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। जानकारी के मुताबिक, प्रदेश राइस मिल एसोसिएशन की यह बैठक लगभग 6 घंटे तक चली, जिसमें 200 से अधिक पदाधिकारियों ने अपनी बात रखी।

मिलर्स ने कहा कि जब तक वर्ष 2022-23 का पूर्व भुगतान नहीं किया जाता और खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 की पॉलिसी में सुधार नहीं होता, तब तक कस्टम मिलिंग का काम जारी रखना मुश्किल होगा। मिलर्स ने प्रोत्साहन राशि में कमी, धान में पेनल्टी, चावल जमा में पेनल्टी, बैंक गारंटी, सीसीटीवी कैमरा लगाने जैसे मुद्दों पर आपत्ति जताई। बता दें कि छत्तीसगढ़ प्रदेश राइस मिल एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर 2024-25 की कस्टम मिलिंग नीति में सुधार और पुराने बकाया सीएमआर बिलों के भुगतान में हस्तक्षेप की मांग की है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश राइस मिल एसोसिएशन की मांगे-
प्रोत्साहन राशि का भुगतान: प्रोत्साहन राशि यथावत 120/- प्रति क्विंटल रखते हुए पूर्व वर्ष 2022-23 की दूसरी किस्त का 60/- रुपये एवं 2023-24 की पहली किस्त का 60/- रुपये भुगतान किया जाए, और वर्ष 2024-25 में प्रोत्साहन राशि मिलर के धान उठाव के विपरीत चावल जमा होने पर एकमुश्त भुगतान किया जाए। साथ ही, FRK, परिवहन, बारदाना और पेनल्टी की विसंगतियों को दूर करके भुगतान किया जाए। हमारा अनुबंध मार्कफेड से है, अन्य से पैसे मिले या नहीं, यह हमें प्रभावित नहीं करता है। चावल जमा की पेनल्टी: मिलर चावल जमा करने के लिए 7 कार्य दिवस में विंग्स ऐप में आवेदन करेगा। यदि 20 कार्य दिवस में निर्धारित मात्रा में चावल जमा नहीं किया जाता, तो केवल उतनी मात्रा पर 5/- प्रति क्विंटल की पेनल्टी लगाई जाए। बारदाना वापसी: बारदाना धान में उपयोग के लिए जमा लिया जाता है, तो मार्कफेड जितना बारदाना का उपयोग करेगा, उसका उपयोगिता शुल्क देकर मिलर्स को बारदाना वापस करेगा। यदि वापस नहीं किया जाता, तो उपयोगिता शुल्क सहित बारदाना की कीमत भी मिलर्स को दी जाए। धान-चावल परिवहन: धान-चावल परिवहन मिलर्स का कार्य नहीं है, इसलिए SLC दर पर धान-चावल परिवहन व्यय का मासिक भुगतान किया जाए, या परिवहनकर्ताओं से मिल में धान-चावल का परिवहन कराया जाए। FRK का भुगतान: FRK का लॉट याइज भुगतान होना चाहिए, क्योंकि मिलर्स का कार्य केवल ब्लेडिंग का है। चावल मिल में कैमरा: चावल मिल में कैमरा लगाने का आदेश स्वीकार्य नहीं है। प्रदेश अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने बैठक के बाद बताया कि सभी जिलों से प्राप्त पत्रों के साथ यह जानकारी मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल के सदस्यों तक पहुंचाई जाएगी, और शीघ्र समाधान की अपील की जाएगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button