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पांच दिनों में पीएम मोदी ने रचा नया इतिहास, तीन देशों के दौरे पर 31 बैठकें

प्रधानमंत्री मोदी नाइजीरिया, ब्राजील और गयाना की यात्रा से शुक्रवार शाम स्वदेश लौट आए। 16 से 21 नवंबर तक इस यात्रा के दौरान उन्होंने वैश्विक नेताओं के साथ 31 द्विपक्षीय बैठकों एवं अनौपचारिक वार्ताओं में हिस्सा लिया। इसी के साथ पीएम मोदी ने एक रिकॉर्ड कायम किया बल्कि पांच दिनों में नई कूटनीति इबारत लिख डाली है।

गुयाना यात्रा के दौरान नौ द्विपक्षीय बैठकें कीं
पीएम मोदी ने अपने तूफानी दौरे के दौरान नाइजीरिया में नाइजीरियाई राष्ट्रपति के साथ एक द्विपक्षीय बैठक, ब्राजील में जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर 10 द्विपक्षीय बैठकें और प्रधानमंत्री मोदी ने गुयाना यात्रा के दौरान नौ द्विपक्षीय बैठकें कीं और इतना ही उन्होंने गुयाना में भारतीय समुदाय को संबोधित भी किया।

ब्राजील में प्रधानमंत्री मोदी ने इंडोनेशिया, पुर्तगाल, इटली, नॉर्वे, फ्रांस, ब्रिटेन, चिली, अर्जेंटीना और ऑस्ट्रेलिया के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं। अधिकारियों ने बताया कि इंडोनेशियाई नेता प्राबोवो सुबिआंतो, पुर्तगाल के लुइस मोंटेनेग्रो, यूके के कीर स्टार्मर, चिली के गेब्रियल बोरिक और अर्जेंटीना के जेवियर माइली के साथ उनकी पहली द्विपक्षीय बैठकें हुईं।

प्रधानमंत्री मोदी ने इनसे भी की मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी ने ब्राजील में सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, मिस्र, अमेरिका और स्पेन के नेताओं और यूरोपीय संघ के उर्सुला वॉन डेर लेयेन जैसे विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों और अधिकारियों के साथ अनौपचारिक बातचीत और बैठकें कीं। साथ ही संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस और आईएमएफ की क्रिस्टालिना जॉर्जीवा और गीता गोपीनाथ से भी मुलाकात की।

अधिकारियों ने बताया कि गुयाना में प्रधानमंत्री मोदी ने गुयाना, डोमिनिका, बहामास, त्रिनिदाद और टोबैगो, सूरीनाम, बारबाडोस, एंटीगुआ और बारबुडा, ग्रेनेडा और सेंट लूसिया के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं।

दुनिया स्वीकार रही भारत का रणनीतिक महत्व : मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि दुनिया भारत के रणनीतिक महत्व को स्वीकार कर रही है और ऐसा पिछले दस वर्षों के रिफार्म (सुधार), परफार्म (प्रदर्शन) एवं ट्रांसफार्म (परिवर्तन) के मंत्र के कारण हुआ है। जर्मनी में न्यूज9 ग्लोबल समिट को वर्चुअली संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है और विकास के लिए हर देश भारत के साथ साझेदारी करना चाहता है। जर्मनी का फोकस आन इंडिया दस्तावेज इसका उदाहरण है। यह दस्तावेज दिखाता है कि कैसे दुनिया भारत के रणनीतिक महत्व को स्वीकार रही है।'

आज भारत में मजबूत नींव रखी गई है
प्रधानमंत्री ने कहा, 'हर क्षेत्र में नई नीतियां बनाई गई हैं। हमने लालफीताशाही खत्म की और कारोबार को आसान बनाया है। बैंकों को मजबूत किया ताकि विकास के लिए समय पर पूंजी उपलब्ध हो सके। जटिल कर प्रणाली को सरल बनाया गया है। हमने प्रगतिशील एवं स्थिर नीति का वातावरण बनाया है ताकि हमारा कारोबार आगे बढ़ सके। आज भारत में मजबूत नींव रखी गई है जिस पर विकसित भारत की भव्य इमारत खड़ी होगी। जर्मनी इस काम में एक भरोसेमंद साझेदार है।'

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