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मुख्यमंत्री सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना से बिहार के 23 युवाओं को मिली सफलता

बिहार में बुधवार को 69वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के परिणाम घोषित हुए, इन नतीजों में कुल 470 अभ्यर्थी सफल हुए, जिनमें 23 अभ्यर्थी बिहार सरकार की मुख्यमंत्री अत्यंत पिछड़ा वर्ग सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना के लाभार्थी हैं. यह योजना राज्य में युवाओं को सफलता की नई ऊंचाई तक पहुंचा रही है. सफल हुए 23 अभ्यर्थीयों में से दो अभ्यर्थी, क्रांति कुमारी और नीरज कुमार, टॉप 10 में जगह बनाने में सफल रहे हैं. मुख्यमंत्री अत्यंत पिछड़ा वर्ग सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना के तहत चयनित अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए ₹50,000 की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है.

14 ने राजस्व सेवा में, 3 ने श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी पद पाया
इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के अत्यंत पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में वित्तीय सहायता देना है. इस बार, 23 अभ्यर्थियों ने विभिन्न पदों के लिए सफलता प्राप्त की है, जिनमें 14 अभ्यर्थी राजस्व सेवा, 3 श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, 2 जिला नियोजन पदाधिकारी, 1 पुलिस उपाधीक्षक, 1 उप निर्वाचन पदाधिकारी, 1 आपूर्ति निरीक्षक, और 1 प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी के रूप में चयनित हुए हैं.

UPSC और BPSC के अलावा अन्य परीक्षाओं को भी शामिल किया गया
पहले यह योजना केवल संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) और बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों को प्रोत्साहन राशि प्रदान करती थ. लेकिन अब इस योजना को विस्तारित कर, 2024 से अन्य महत्वपूर्ण परीक्षाओं को भी इसमें शामिल किया गया है. योजना के तहत चयनित अभ्यर्थियों को प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद निर्धारित प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.

सरकारी नौकरियों में सफलता संभव
सफल अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री हरि सहनी और सचिव मनोज कुमार ने योजना की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि यह योजना राज्य के युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिससे वो सरकारी नौकरियों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इस सफलता से मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना की महत्वपूर्णता और बढ़ गई है, जो अब बिहार के पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए एक मजबूत सहारा साबित हो रही है.

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