मनोरंजन

90 करोड़ रुपये का डीएमएफ घोटाला, सरकारी अधिकारी लेते थे 40 फीसदी कमीशन… ईडी की चार्जशीट में खुलासा

रायपुर। बहुचर्चित खनिज जिला न्यास निधि (डीएमएफ) घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को विशेष कोर्ट में 8,021 पन्नों की पहली चार्जशीट पेश की। यह मामला पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार में प्रकाश में आया था। चार्जशीट में ईडी ने अब तक की जांच का हवाला देते हुए अनुमान लगाया है कि डीएमएफ घोटाला 90 करोड़ 48 लाख रुपए का है। चार्जशीट में जेल में बंद निलंबित आईएएस रानू साहू, महिला एवं बाल विकास विभाग की पूर्व अधिकारी माया वारियर, दलाल मनोज कुमार द्विवेदी समेत 16 आरोपियों के नाम हैं। ईडी सूत्रों ने बताया कि विशेष कोर्ट में पेश अभियोजन चालान में 169 पन्नों की अभियोजन शिकायत और 7,852 आरयूडी दस्तावेज शामिल हैं। 

कोर्ट ने मनोज द्विवेदी को भेजा जेल

सोमवार को चार दिन की ईडी रिमांड पूरी होने के बाद कारोबारी और एनजीओ सचिव मनोज कुमार द्विवेदी को विशेष कोर्ट में पेश किया गया। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने मनोज को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया। ईडी की जांच में पता चला है कि वर्ष 2021-22 और 2022-23 में मनोज कुमार द्विवेदी ने रानू साहू और अन्य अधिकारियों के साथ मिलीभगत की थी। उसने अपने एनजीओ उदगम सेवा समिति के नाम पर कई डीएमएफ ठेके हासिल किए थे। उसने टेंडर की राशि का 40 प्रतिशत तक कमीशन अधिकारियों को दिया था। द्विवेदी ने डीएमएफ फंड का गबन कर 17 करोड़ 79 लाख रुपये कमाए, जिसमें से उसने 6 करोड़ 57 लाख रुपये अपने पास रख लिए। बाकी रकम उसने अधिकारियों को रिश्वत के तौर पर दी। उसने जिला स्तर के अधिकारियों से मिलीभगत कर ठेके के लिए उनकी मदद भी की।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button