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औरंगाबाद न्यायालय में 19 साल पुराने अपहरण मामले में चार आरोपियों को उम्रकैद की सजा

औरंगाबाद: औरंगाबाद में 19 साल पुराने अपहरण के मामले में चार लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। साल 1995 में जम्होर थाना क्षेत्र के महथू गांव में एक ईंट-भट्ठा संचालक के बेटे उमेश कुमार का अपहरण कर लिया गया था। अपहरणकर्ताओं ने 50 हजार रुपये की फिरौती मांगी थी। 3 दिसंबर 2024 को कोर्ट ने रामवचन पाल, अनिल सिंह, राजेश पासवान और मुनारिक राम को दोषी ठहराया। उन्हें भारतीय दंड विधान की धारा 364/ए के तहत मंगलवार को सजा सुनाई गई है। एक आरोपी कपूर धोबी की मौत हो चुकी है, जबकि रामवचन सिंह का मामला अलग से चल रहा है।

यह मामला 19 साल पुराना है। जम्होर थाना क्षेत्र के महथू गांव में गुप्तेश्वर सिंह का ईंट-भट्ठा था। उनका बेटा उमेश कुमार भट्ठे की देखभाल करता था। 24 जुलाई 1995 को उमेश का अपहरण कर लिया गया। अपहरणकर्ताओं ने गुप्तेश्वर सिंह से 50 हजार रुपये की फिरौती मांगी। धमकी दी कि अगर 24 घंटे के अंदर पैसे नहीं दिए तो उमेश को मार देंगे।

घटना के दिन एक आदमी भट्ठे पर आया और कहा कि ओबरा थाने के छोटा बाबू बुला रहे हैं। उमेश अपने पिता के साथ सरसोली गांव पहुंचे। तभी एक जीप आई और उसमें से अपहरणकर्ता निकले। उन्होंने उमेश और गुप्तेश्वर को पकड़ लिया। उनके हाथ पीछे बांध दिए। अपहरणकर्ताओं ने कहा, 'आपसे पैसे मांगे थे, क्यों नहीं दिए?'

अपहरणकर्ता उमेश को अपने साथ ले गए। उन्होंने गुप्तेश्वर को एक कागज पर लिखकर देने को कहा कि अगर 24 घंटे के अंदर 50 हजार रुपये नहीं मिले तो उमेश की मौत के जिम्मेदार वो खुद होंगे। डरे हुए गुप्तेश्वर ने ऐसा ही किया और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। सालों तक सुनवाई चलती रही।

आखिरकार 3 दिसंबर 2024 को औरंगाबाद के एडीजे-5 उमेश प्रसाद ने चार आरोपियों को दोषी ठहराया। रामवचन पाल, अनिल सिंह, राजेश पासवान और मुनारिक राम को उम्रकैद और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई। जुर्माना नहीं देने पर एक साल की अतिरिक्त सजा होगी। इस मामले में एक और आरोपी कपूर धोबी की मौत हो चुकी है। एक अन्य आरोपी रामवचन सिंह का मामला अलग से चल रहा है। एपीपी शिवपूजन प्रजापति ने बताया कि आरोपियों को भारतीय दंड विधान की धारा 364/ए के तहत सजा सुनाई गई है। यह धारा हत्या के इरादे से अपहरण के मामले में लागू होती है।

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