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बिहार में शराब माफिया का नया तरीका, पुलिस को चकमा देने के लिए कोड वर्ड का इस्तेमाल

पटना: बिहार में शराब बंदी के बावजूद शराब माफिया नए-नए तरीके अपनाकर तस्करी कर रहे हैं। पुलिस की नजरों से बचने के लिए ये लोग शराब के नाम बदलकर बेच रहे हैं। रॉयल स्टैग को 'रॉकी सिंह' और रेड लेबल को 'रवि लाल' कहा जा रहा है। पटना पुलिस ने हाल ही में कई शराब तस्करों को पकड़ा है और उनके मोबाइल पर भी नजर रख रही है। नए साल पर पुलिस शराब माफियाओं पर खास नजर रखेगी, खासकर होम डिलीवरी करने वालों पर।

दरअसल, बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद भी शराब की तस्करी जारी है। शराब माफिया पुलिस से बचने के लिए लगातार अपने तरीके बदल रहे हैं। पुलिस की पकड़ से बचने के लिए ये कोड वर्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं। जैसे रॉयल स्टैग अब "रॉकी सिंह" बन गया है और रेड लेबल को "रवि लाल' कहा जा रहा है। इससे पुलिस को शराब की पहचान करने में मुश्किल हो रही है।

पटना पुलिस ने हाल ही में कई शराब तस्करों के खिलाफ छापेमारी की है। कई होम डिलीवरी करने वाले तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, कई शराब तस्करों के मोबाइल फोन सर्विलांस पर हैं। इस सर्विलांस के जरिए ही इन नए कोड वर्ड का पता चला है। शराब माफिया अपने ग्राहकों और गैंग के सदस्यों से बात करने के लिए WhatsApp का इस्तेमाल करते हैं। शराब का ऑर्डर लेने से लेकर डिलीवरी तक, सारा काम WhatsApp पर ही होता है। इससे पुलिस के लिए इन पर नजर रखना मुश्किल हो जाता है।

नए साल पर शराब की मांग बढ़ने की आशंका के चलते पुलिस ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। पटना पुलिस ने शराब माफियाओं, खासकर होम डिलीवरी करने वालों पर कड़ी नजर रखने की योजना बनाई है। पुलिस पहले से ही शराब माफियाओं के अड्डों पर छापेमारी कर रही हैं। जेल से रिहा हुए शराब माफियाओं की सूची भी तैयार की जा रही है। पुलिस उन पर भी नजर रख रही है।

इस साल नवंबर तक पुलिस ने 70,917 लीटर अंग्रेजी शराब और 1,04,944 लीटर देसी शराब जब्त की है। यह आंकड़ा बताता है कि शराबबंदी के बावजूद बिहार में शराब का कारोबार कितना बड़ा है। पुलिस लगातार कोशिश कर रही है कि इस अवैध कारोबार पर रोक लगाई जा सके। लेकिन शराब माफियाओं के नए-नए हथकंडे अपनाने से यह काम और भी चुनौतीपूर्ण हो गया है।

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