भ्रामक विज्ञापन पर सीसीपीए की सख्ती, तीन कोचिंग संस्थानों पर 15 लाख का जुर्माना
भ्रामक विज्ञापन के जरिए छात्रों को लुभाने वाले कोचिंग संस्थानों पर केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने बड़ी कार्रवाई की है। सीसीपीए ने सिविल सेवा परीक्षाओं में अपनी सफलता दर के बारे में भ्रामक जानकारी देने के लिए तीन कोचिंग संस्थानों पर 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की 2022 और 2023 की सिविल सेवा परीक्षाओं में उनके परिणामों के संबंध में भ्रामक दावों के लिए वाजीराव एंड रेड्डी इंस्टीट्यूट और स्टडीआइक्यू आइएएस पर सात-सात लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया, जबकि एज आइएएस पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।
मुख्य आयुक्त निधि खरे के नेतृत्व में सीसीपीए ने पाया कि संस्थानों ने जानबूझकर यह छिपाया कि उनके अधिकांश सफल उम्मीदवारों ने केवल साक्षात्कार मार्गदर्शन कार्यक्रमों में दाखिला लिया था, जिससे उनके अन्य पाठ्यक्रमों की प्रभावशीलता के बारे में भ्रामक धारणा पैदा हुई।
वाजीराव एंड रेड्डी इंस्टीट्यूट ने 2022 परीक्षा में ''933 में से 617 चयन'' का दावा किया, जबकि स्टडी आइक्यू आइएएस ने 2023 में '120 से अधिका चयन'' का विज्ञापन दिया था। जांच से पता चला कि दोनों संस्थानों में अधिकांश सफल उम्मीदवारों ने केवल साक्षात्कार तैयारी पाठ्यक्रम में एडमिशन लिया था।
जांच में स्टडीआइक्यू आइएएस अपने ''सफलता पक्का ऑफर'' और ''चयन पक्का ऑफर'' प्रचार को सही साबित करने में भी असमर्थ रहा, साथ ही अपने कथित सफल उम्मीदवारों के लिए नामांकन फार्म और फीस रसीदें भी नहीं दी। संस्थान ने 60 से अधिक पाठ्यक्रम का विज्ञापन दिया, लेकिन यह नहीं बताया कि उसके इंटरव्यू मार्गदर्शन कार्यक्रम में अधिकांश सफल उम्मीदवारों ने प्रवेश लिया था।
भ्रामक विज्ञापन के लिए विभिन्न कोचिंग संस्थानों को 45 नोटिस जारी
गौतलब है कि उपभोक्ता संरक्षण निकाय ने भ्रामक विज्ञापन के लिए विभिन्न कोचिंग संस्थानों को 45 नोटिस जारी किए हैं और अब तक 22 संस्थानों से कुल 71.6 लाख रुपये का जुर्माना वसूला है।