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छत्तीसगढ़: सुरक्षाबलों ने नारायणपुर के अबूझमाड़ में एक महिला समेत 3 नक्सलियों को मार गिराया, 41 लाख इनामी शामिल

नारायणपुर

 छत्तीसगढ़ में जब से विष्णुदेव साय की सरकार आई है. तब से बस्तर में नक्सल ऑपरेशन में तेजी देखी जा रही है. बस्तर में अब तक इस साल 157 नक्सलियों को एनकाउंटर में मार गिराया गया है. 663 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है. नारायणपुर में सोमवार को हुए नक्सल ऑपरेशन में फोर्स ने तीन नक्सलियों को मार गिराया. इन नक्सलियों में से दो माओवादियों की पहचान हुई है. दोनों नक्सलियों के ऊपर कुल 41 लाख रुपये का इनाम था.

नारायणपुर मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों की हुई पहचान: बस्तर का अबूझमाड़ कहे जाने वाले नारायणपुर में सोमवार को मारे गए तीन नक्सलियों में से दो की पहचान हुई है. दोनों नक्सलियों के वरिष्ठ कैडर है. नारायणपुर पुलिस ने बताया कि इनके उपर कुल 41 लाख रुपये का इनाम था. बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने भी इस बात की पुष्टि की है. मारे गए नक्सलियों की पहचान रूपेश और जगदीश के रूप में हुई है. जबकि एक महिला नक्सली जो इस एनकाउंटर में मारी गई है. उसकी पहचान नहीं हो पाई है.

सोमवार को छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बॉर्डर पर मुठभेड़

दरअसल, पुलिस को सूचना मिली थी कि अबूझमाड़ के जंगलों में भारी संख्या में नक्सली मौजूद हैं। सूचना के आधार पर 23 सितंबर को जवानों को सर्च ऑपरेशन पर भेजा गया।

वहीं जवान उसी दिन शाम को नक्सलियों के ठिकाने पर पहुंच गए। नक्सलियों ने जवानों को देखकर गोलीबारी की।

4-5 घंटे तक हुई गोलीबारी

इस दौरान जवानों ने भी मोर्चा संभाला और नक्सलियों की गोलियों का जवाब दिया। करीब 4 से 5 घंटे तक रुक-रुककर गोलीबारी हुई। जब फायरिंग रुकी तो जवानों ने सर्च ऑपरेशन चलाया।

2 पुरुष समेत एक महिला नक्सली का शव बरामद किया गया। जवान ऑपरेशन को सफल बनाकर 24 सितंबर की शाम नारायणपुर पहुंचे।

महाराष्ट्र और MP का मारा गया नक्सली

DKSZC मेंबर रुपेश पर 25 लाख और DVCM जगदीश पर 16 लाख का इनाम घोषित था। रुपेश महाराष्ट्र के गढ़चिरौली और जगदीश MP का रहने वाला था।

इन दोनों पर कुल 41 लाख रुपए का इनाम था। पुलिस मृत महिला नक्सली की शिनाख्त करने की कोशिश कर रही है।

ये हथियार बरामद

जवानों ने 3 नक्सलियों के शवों के साथ ही 1 AK-47, 1 इंसास राइफल, 1 SLR और 1 नग 12 बोर बंदूक बरामद किया है। इसके अलावा भारी मात्रा में दैनिक उपयोग के सामान और विस्फोटक बरामद किए गए हैं।

14 सितंबर को भी मारा गया था एक नक्सली

इससे पहले 14 सितंबर को सुकमा में जवानों ने मुठभेड़ में एक नक्सली को मार गिराया। शव के पास से ही भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक और अन्य सामग्री बरामद हुई थी।

पुलिस को सूचना मिली थी कि, चिंतागुफा क्षेत्र में तुमालपाड़ की पहाड़ी पर नक्सली मौजूद हैं। इसके बाद जिला बल, DRG और बस्तर फाइटर्स के जवानों को सर्च ऑपरेशन पर भेजा गया था।

कई राज्यों में एक्टिव है डीकेएसजेडसी

सुंदरराज ने बताया कि माओवादियों के डीकेएसजेडसी का सदस्य रूपेश माओवादियों के पश्चिमी सब जोन का उच्च पदस्थ कैडर था। पुलिस महानिरीक्षक ने बताया, “रूपेश माओवादियों की कंपनी नंबर 10 का नेतृत्व कर रहा था और पड़ोसी महाराष्ट्र के गढ़चिरौली इलाके में सक्रिय था। उस पर 25 लाख रुपये का इनाम था।” इससे पहले अप्रैल में बस्तर संभाग के नारायणपुर जिले में मुठभेड़ में डीकेएसजेडसी का सदस्य जोगन्ना मारा गया था। इसी संगठन का एक अन्य सदस्य रणधेर तीन सितंबर को दंतेवाड़ा जिले में मारा गया था। डीकेएसजेडसी छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र के अलावा पड़ोसी आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, तेलंगाना और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में माओवादी गतिविधियों को अंजाम देता है।

मारे गए नक्सलियों में रूपेश नक्सली दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का सदस्य था. उसके उपर 25 लाख रुपये का इनाम घोषित था. रूपेश माओवादियों की कंपनी नंबर 10 का नेतृत्व कर रहा था और महाराष्ट्र के गढ़चिरौली इलाके में सक्रिय है. जबकि नक्सली जगदीश मध्य प्रदेश के बालाघाट का निवासी था. वह नक्सलियों के डिवीजनल कमेटी का सदस्य था. जगदीश पर 16 लाख रुपये का इनाम घोषित था. एनकाउंटर में ढेर हुई महिला नक्सली की पहचान नहीं हो पाई है.: सुंदरराज पी, आईजी, बस्तर

नारायणपुर मुठभेड़ के बाद कई हथियार बरामद: नारायणपुर मुठभेड़ के बाद मौके से कई हथियार बरामद किए गए हैं. एक एके-47 राइफल, एक एसएलआर सेल्फ-लोडिंग राइफल, एक इंसास राइफल और एक 12 बोर राइफल बरामद किया गया है. इसके साथ मौके से विस्फोटक भी मिले हैं. सुरक्षाबलों की टीम और फोर्स ने इन सारे हथियारों को जब्त कर लिया है.

बस्तर में लाल आतंक पर ताबड़तोड़ प्रहार जारी: बस्तर में इस साल लाल आतंक पर ताबड़तोड़ प्रहार जारी है. इस साल विभिन्न मुठभेड़ में 157 नक्सली ढेर हुए हैं. जबकि 663 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है. 656 नक्सलियों ने पुलिस के सामने सरेंडर किया है.

 

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