अंतरराष्ट्रीय

चीन की अर्थव्‍यवस्‍था खस्‍ता हाल फिर भी बाजी मार गया चीन

बीजिंग। चीन की अर्थव्‍यवस्‍था पिछले कुछ सालों में लगातार बुरे दौर से गुजर रही है। अमेरिका के बाद अब यूरोप के बाजार भी अब चीन के लिए धीरे-धीरे बंद होने लगे हैं। चीन ने जनवरी से सितंबर यानी तीन तिमाहियों में चीन ने 36.34 मिलियन डेडवेट टन  जहाज निर्माण पूरा किया, जो पिछले साल की तुलना में 18.2 प्रतिशत अधिक है।  
जहां साल 2024-25 के लिए भारत की अर्थव्‍यवस्‍था 7 प्रतिशत से भी तेज स्‍पीड से बढ़ने की बात कही जा रही है। वहीं, इस मामले में चीन का आंकलन अपने बाजारों का पांच प्रतिशत की दर से बढ़ने का है। ग्रीन एनर्जी शिपमेंट ऑर्डर के मामले में भारत की स्थिति फिलहाल ज्‍यादा अच्‍छी नहीं है। भारत में ग्रीन शिपबिल्डिंग का केंद्र बनने की काफी संभावनाएं हैं। भारत सरकार वैकल्पिक ईंधन और ग्रीन एनर्जी पर काफी ध्यान दे रही है। जापानी और कोरियाई शिपयार्ड से निवेश और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर को प्रोत्साहित किया जा रहा है। हमारा उद्देश्य शिपयार्ड और बंदरगाह के बुनियादी ढांचे को एडवांस करना और 2030 तक का लक्ष्‍य टॉप जहाज निर्माण देशों में और 2047 तक टॉप पांच देशों में शामिल होना है। यूरोपीय यूनियन ने चीन में निर्मित इलेक्ट्रिक कारों पर करीब 40 प्रतिशत का टैक्‍स लगा दिया है। ऐसे में शी जिनपिंग देश की डूबती अर्थव्‍यवस्‍था को बचाने के लिए अब अफ्रीका के बाजारों की ओर रुख कर रहे हैं। भारत धीरे-धीरे कई क्षेत्रों में चीन से बाजी मारता हुआ नजर आ रहा है। इसी बीच एक क्षेत्र ऐसा भी है जिसमें चीन ने ना सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया को चित कर दिया है। हम बात कर रहे हैं ग्रीन एनर्जी शिपमेंट की। ग्‍लोबल ग्रीन शिप ऑर्डर के मामले में चीन का शेयर अब 70 प्रतिशत तक पहुंच गया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button