मनोरंजन

धोखाधड़ी के 8 साल पुराने मामले में अदालत ने किया दोषमुक्त

कोरबा कोरबा अंचल में लगभग 8 साल पूर्व शहर के एक प्रतिष्ठित व्यवसायी पर उनके ही भाई ने धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। मामले में पुलिस ने धोखाधड़ी का अपराध दर्ज कर न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया था। न्यायालय में हुई मामले की सुनवाई में व्यवसायी पर दोष सिद्ध नहीं होने पर उन्हें दोष मुक्त कर दिया गया है।
        न्यायालयीन सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत निवासरत व्यक्ति ने वर्ष 2016 में थाना सिटी कोतवाली में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके स्टेट बैंक आफ इंडिया मुख्य शाखा कोरबा से संबंधित चालू खाता के चेक बुक को उसके द्वारा चोरी करके उसमें से चार चेक में से कूटरचना करके उसे बैंक में समाशोधन बाबत पेश करके असल के रूप में उपयोग में लाया गया।
        शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 379, 420, 467, 468 के तहत अपराध दर्ज कर कोतवाली पुलिस ने प्रकरण को न्यायालय में पेश किया था। उक्त मामले न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी कोरबा के न्यायालय में विचाराधीन थी। 8 साल तक मामले की सुनवाई हुई। न्यायालय के न्यायाधीश माननीय श्री सत्यानंद प्रसाद ने प्रकरण में फैसला सुनाया। जिसमें व्यवसायी के खिलाफ दोष सिद्ध नहीं होने पर उन्हें सभी अपराधों से दोष मुक्त कर दिया गया।
* फैसले में अहम रही हैंड राइटिंग एक्सपर्ट की रिपोर्ट
        उक्त मामला कूटरचना से जुड़े होने की वजह से पुलिस ने हैंडराइटिंग एक्सपर्ट के पास जब्त दस्तावेजों को जांच के लिए भेजा था। जिसमें प्रार्थी व उसके भाई दोनों का नमूना हस्ताक्षर भेजा गया। हैंडराइटिंग एक्सपर्ट ने जांच-पड़ताल के बाद कहा हैं की चोरी कूटरचित बताए गए सभी चेक पर पर प्रार्थी का ही हस्ताक्षर होना पाया गया हैं। इस रिपोर्ट के आधार व साक्षियो के बयान के आधार पर न्यायालय ने निर्णय पारित किया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button