सिनवार को भी हानियेह के पास नरक भेज देंगे; ताजपोशी के चंद घंटों बाद ही इजरायल का अल्टीमेटम…
इजरायल ने जिस तरह ईरान में घुसकर हमास चीफ इस्माइल हानियेह का कत्ल किया, उससे एक बार फिर से साफ हो गया कि इजरायल अपने दुश्मन को कहीं से कभी भी मार सकता है।
हानियेह का तेहरान के जिस गेस्ट हाउस में कत्ल किया गया, उस जगह पर दो महीने पहले इजरायल ने बम छिपा दिया था। जब मौका मिला तो उड़ा दिया।
अब हमास चीफ की कुर्सी पर डिप्टी रहे याह्या सिनवार की ताजपोशी हो चुकी है और इजरायल के मुताबिक, इसके साथ ही सिनवार की जिंदगी की उल्टी गिनती भी शुरू हो गई है।
इजरायल के विदेश मंत्री काट्ज ने कहा कि सिनवार की ताजपोशी उसकी मौत की आहट है, जिसे जल्द ही अंजाम दिया जाएगा।
इजरायली हुकूमत का मानना है कि पिछले साल 7 अक्तूबर को उसकी धरती पर हुए नरसंहार के पीछे सबसे बड़ा हाथ याह्मा सिनवार का ही था।
सिनवार गाजा में हमास का नेटवर्क चलाता है। हानियेह के बाद वो ही हमास का सर्वेसर्वा है। हानियेह की मौत के बाद सिनवार की मंगलवार के दिन ताजपोशी भी कर दी गई।
इजरायल ने अब सिनवार को खत्म करने की कसम खा ली है। हालांकि यह पहली बार नहीं है, 11 महीनों से चली आ रही जंग की शुरुआत से सिनवार इजरायल के निशाने पर है।
बुधवार को एक सैन्य अड्डे पर प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इज़राइल अपनी रक्षा के लिए “दृढ़” था, है और हमेशा रहेगा।
उन्होंने सेना में भर्ती हुए नए सैनिकों को अपने संदेश में कहा कि हम अपनों की रक्षा करने और दुश्मनों का विनाश करने के लिए तत्पर हैं।
कहां छिपा है सिनवार
इजरायली सेना का मानना है कि सिनवार गाजा में किसी सुरंग के भीतर छिपा हुआ है। इसलिए इजरायली सेना ने अभी भी गाजा में अपना ऑपरेशन जारी रखा हुआ है। सिनवार 2017 से गाजा में हमास के लीडर की भूमिका रहा है।
7 अक्टूबर के हमले के बाद से नहीं उसे सार्वजनिक तौर पर नहीं देखा गया है। 7 अक्टूबर को उसके कहने पर हमास के गुर्गों ने पहले इजरायल पर बमों की बारिश की और फिर जमकर कत्लेआम मचाया।
इस घटना में कम से कम 2000 इजरायली मारे गए थे। हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एएफपी को बताया कि सिनवार के चयन से यह संदेश गया है कि संगठन “प्रतिरोध का अपना रास्ता जारी रखे हुए है”।
सिनवार के दिल में इजरायलियों के लिए नफरत
ऐसा माना जाता है कि हानियेह युद्ध के बजाय राजनीतिक रूप से हमास का नेतृत्व कर रहे थे। इजरायल और हमास के बीच मध्यस्थता में हानियेह ने अहम भूमिका निभाई।
इससे उलट सिनवार युद्ध की वकालत करते रहे हैं। यही वजह है कि सिनवार इजरायल के साथ युद्धविराम का कभी इच्छुक नहीं रहा।
हालांकि विश्लेषकों का मानना है कि कतर में रहने वाले हनियेह की तुलना में सिनवार तेहरान सरकार के ज्यादा करीब है।
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