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एमपी के नए मेट्रो प्रोजेक्ट पर खर्च होंगे 10 हजार करोड़, रूट हो गया तय

इंदौर उज्जैन मेट्रो परियोजना: मध्यप्रदेश में दो महत्वपूर्ण मेट्रो परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है। इंदौर और भोपाल मेट्रो के लिए ट्रैक और स्टेशन का निर्माण जारी है। इसके अतिरिक्त, इंदौर उज्जैन मेट्रो परियोजना की भी घोषणा की गई है। यह परियोजना विशेष रूप से उज्जैन में 2028 में होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ को ध्यान में रखते हुए बनाई गई थी, जिसे महाकुंभ से पहले चालू करने की योजना थी, लेकिन अब यह संभव नहीं हो पा रहा है। दरअसल, इस परियोजना के लिए 10 हजार करोड़ रुपए की राशि जुटाने में कठिनाई आ रही है। बजट की कमी के कारण इंदौर उज्जैन मेट्रो परियोजना कुछ हद तक आगे बढ़ी है, लेकिन इसकी प्रगति में तेजी आई है। 

इंदौर उज्जैन मेट्रो परियोजना का रूट एलायमेंट तय कर दिया गया है। इसके लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) द्वारा सर्वेक्षण पूरा किया गया है। जल्द ही इस परियोजना का विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) भी प्रस्तुत किया जाएगा, जिससे इस महत्वाकांक्षी परियोजना की दिशा में और अधिक प्रगति की उम्मीद है।

सिंहस्थ 2028 के बाद चालू 

इंदौर उज्जैन मेट्रो का लाभ यात्रियों को सिंहस्थ 2028 के बाद ही प्राप्त होगा। इसके पीछे मुख्य कारण बजट की कमी है, जो इस प्रोजेक्ट के लिए एक बड़ी बाधा बन रही है। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत लगभग 10 हजार करोड़ रुपए है, जिसे जुटाना राज्य सरकार के लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य साबित हो रहा है। ऐसे में, सिंहस्थ से पहले इस प्रोजेक्ट का पूरा होना कठिन प्रतीत हो रहा है।

यदि 2028 में उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ से पहले यह प्रोजेक्ट पूरा नहीं होता है, तो यात्रियों के पास इंदौर से उज्जैन जाने के लिए वंदे मेट्रो ट्रेन का विकल्प उपलब्ध रहेगा, इसके अलावा अन्य ट्रेनों का भी सहारा लिया जा सकेगा। रेल मंत्रालय ने इंदौर से उज्जैन के बीच वंदे मेट्रो ट्रेन चलाने की अनुमति दे दी है। मेट्रो प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, इंदौर और उज्जैन के बीच रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) में मेट्रो की गति अधिकतम 135 किमी प्रति घंटा होगी, और इंदौर उज्जैन मेट्रो भी इसी गति से संचालित होगी।

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