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बारिश ने 88 साल का तोड़ा रिकॉर्ड 

पिछले सप्ताह शुक्रवार को हुई मूसलाधार बारिश ने पूरी दिल्ली को लगभग डुबा दिया था। जगह-जगह पर जलभराव की स्थिति बन गई थी। उस समय संभावना जताई जा रही थी कि ऐसी बारिश की स्थिति बादल फटने के बाद हुई है। वहीं, अब भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने सोनवार को स्थिति स्पष्ट कर दी।

मौसम विभाग ने बताया कि दिल्ली में हुई भारी बारिश का कारण बादल फटना नहीं था, लेकिन यह स्थिति उसके बहुत करीब थी।

आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि शहर के प्राथमिक मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला ने 28 जून को सुबह 5 बजे से 6 बजे के बीच 91 मिमी बारिश दर्ज की। इसी तरह लोधी रोड मौसम केंद्र ने सुबह 5 बजे से 6 बजे तक 64 मिमी और सुबह 6 बजे से 7 बजे तक 89 मिमी बारिश दर्ज की।

बादल नहीं फटा, लेकिन स्थित वैसी ही

इन घटनाओं को बादल फटने की घटना घोषित करने की जरूरत नहीं है, लेकिन यह बादल फटने के बहुत करीब थी।

क्यों हुई इतनी भारी बारिश

मौसम की चरम घटना के पीछे का कारण बताते हुए आईएमडी ने पहले कहा था कि कई बड़े पैमाने पर मानसूनी मौसम प्रणालियों ने दिल्ली-एनसीआर पर मेसोस्केल संवहनी गतिविधि के लिए परिस्थितियां बनाईं, जिसके परिणामस्वरूप 28 जून की सुबह के समय तीव्र गरज के साथ बारिश हुई। यह गतिविधि वायुमंडल में थर्मोडायनामिक अस्थिरता द्वारा समर्थित थी, जो गरज के साथ बारिश के लिए अनुकूल है।

बारिश ने तोड़ा रिकॉर्ड

सफदरजंग वेधशाला ने शुक्रवार को सुबह साढ़े 8 बजे समाप्त होने वाले 24 घंटों में 228.1 मिमी बारिश दर्ज की, जो जून की औसत बारिश 74.1 मिमी से तीन गुना अधिक है। इसके साथ ही 1936 के बाद से 88 वर्षों में इतनी अधिक बारिश जून में पहली बार हुई है।

मौसम विभाग 124.5 और 244.4 मिमी के बीच हुई बारिश को बहुत भारी बारिश बताता है।

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