अपने ही मंत्री को घेरा: अजय चंद्राकर, पूछा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में क्या हुआ?
छत्तीसगढ़ विधानसभा: छत्तीसगढ़ में विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज यानी 17 दिसंबर को दूसरा दिन है. पहले दिन सरकार ने अनुपूरक बजट पेश किया है. जिस पर आज सदन में चर्चा हो रही है. वहीं विपक्ष इस पर खूब हंगामा कर सकता है. विपक्ष धान खरीदी समेत अन्य मुद्दों पर सरकार को घेर सकता है. सरकार ने पहले दिन 805 करोड़ से ज्यादा का अनुपूरक बजट पेश किया है. इसमें 200 करोड़ बड़ी अधोसंरचना के लिए और 25 करोड़ एयरलाइन कंपनियों के घाटे की भरपाई के लिए मांगे गए हैं. इसी तरह अन्य योजनाओं के लिए बजट मांगा गया है. इसे आज चर्चा के बाद पारित किया जाएगा.
विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सदन में चर्चा हो रही है. इसी बीच अजय चंद्राकर ने भी सदन में अपने मंत्री को घेरा. उन्होंने बूढ़ातालाब में सौंदर्यीकरण का मुद्दा सदन में उठाया. जवाब देते हुए नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव घिर गए. चंद्राकर ने पूछा कि किस मद से पैसा खर्च किया गया है. इस पर अरुण साव ने कहा कि सारा काम स्मार्ट सिटी के तहत हुआ है. पर्यटन मंडल, निगम और स्मार्ट की राशि खर्च हुई है। इस मामले की जांच होनी चाहिए। सदन में अरुण साव ने कहा कि जांच होनी चाहिए। राजेश मूणत ने कहा कि तीन एजेंसियों ने काम किया है। 6 करोड़ का फव्वारा लगाया गया है, लेकिन वह बंद है।
सदन में आज दो ध्यानाकर्षण
शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंत्री केदार कश्यप, राम विचार नेताम पत्र पटल पर रखेंगे। सदन में आज दो ध्यानाकर्षण लाए जाएंगे। द्वितीय अनुपूरक अनुमान की अनुदान मांगों पर विस्तार से चर्चा होगी। विपक्ष ने भी अपनी तैयारी कर ली है। विपक्ष अलग-अलग मुद्दों पर सरकार को घेर सकता है। विष्णुदेव साय सरकार ने पहले दिन 805 करोड़ 71 लाख 74 हजार 286 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट पेश किया। इस बजट पर आज विस्तार से चर्चा होगी।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम), मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना, नगरीय निकायों में अधोसंरचना और पर्यटन क्षेत्र में विभिन्न विकास कार्यों के लिए यह बजट मांगा गया है। इसमें एनआरएलएम के लिए 250 करोड़, शहरों में आधारभूत संरचना के लिए 200 करोड़, मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना के लिए 100 करोड़, पर्यटन क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए 97.50 करोड़ की मांग की गई है। व्यावसायिक विमानों के सुचारू संचालन और उड़ान व्यय लागत हानि की भरपाई के लिए 25 करोड़ की मांग की गई है।