माननीय मंत्री श्री ओ पी चौधरी की प्रेस वार्ता : आवास एवं पर्यावरण विभाग
प्रदेश के आवास एवं पर्यावरण मंत्री श्री ओपी चौधरी ने छत्तीसगढ संवाद ऑडिटोरियम में प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी के नेतृत्व में आवास एवं पर्यावरण विभाग ने विगत दो वर्षों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। लोगों को किफायती आवास की उपलब्धता, बेहतर रहवासी सुविधा, आजीविका के साधनों के विकास के साथ ही पर्यावरण अनुकूल ईज आफ लिविंग का ध्यान रखते हुए इन दो सालों में काम किया गया है। विभाग द्वारा किये गये दो सालों से नागरिक जीवन बेहतर हुआ है और राज्य की उज्ज्वल भविष्य की ठोस नींव रख दी गई है।
मंत्री श्री चौधरी ने बताया कि दो साल पहले छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल अनेक चुनौतियों का सामना कर रहा था। 3200 से अधिक आवासीय एवं व्यावसायिक संपत्तियों का विक्रय नहीं हो सका था। 735 करोड रूपए का बकाया था। मंडल को ऋण मुक्त करने के लिए यह राशि राज्य शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई। वर्तमान में मंडल पर कोई ऋण नहीं है। जिन संपत्तियों का विक्रय लंबे समय से नहीं हुआ था, उनके विक्रय के लिए सरकार द्वारा एकमुश्त निपटान योजना ओटीएस-2 आरंभ की गई। इसके माध्यम से इन संपत्तियों पर 30 प्रतिशत तक की छूट उपलब्ध करायी गई। इस योजना को सफलता मिली और 9 महीनों में ही 1251 संपत्तियों का विक्रय हुआ और इस योजना के माध्यम से 190 करोड रुपए का राजस्व अर्जित किया गया। यह राशि आगामी परियोजनाओं में व्यय की जाएगी, ताकि अधिकतम हितग्राहियों को किफायती आवास एवं व्यावसायिक संपत्ति का लाभ मिल सके। उन्होंने बताया कि भविष्य में अविक्रित स्टॉक से बचने के लिए नई निर्माण नीति लागू की गई है। अब मांग आधारित निर्माण को प्राथमिकता दी जाएगी। बाजार की वास्तविक आवश्यकता के अनुसार परियोजनाएं शुरू होंगी। इससे वित्तीय जोखिम कम होगा।
नई नीति के अनुसार 60 प्रतिशत या प्रथम 3 माह में 30 प्रतिशत पंजीयन अनिवार्य किया गया है। इसके पश्चात ही निर्माण कार्य प्रारंभ होगा। यह व्यवस्था परियोजनाओं की व्यवहार्यता सुनिश्चित करेगी। नागरिकों की मांग को प्रत्यक्ष रूप से महत्व मिलेगा।
श्री चौधरी ने कहा कि आवंटियों की सुविधा के लिए ऑनलाइन पोर्टल को और सुदृढ किया गया है। प्रक्रियाएं सरल और समयबद्ध हुई हैं। नागरिकों को कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। एआई आधारित चैटबॉट के माध्यम से 24×7 जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। मानव हस्तक्षेप की आवश्यकता कम हुई है। पारदर्शिता और सुविधा दोनों में वृद्धि हुई है।
मंत्री श्री चौधरी ने रायपुर विकास प्राधिकरण की उपलब्धियों के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 193 करोड रूपए की लागत से प्राधिकरण द्वारा पीएम यूनिटी मॉल का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही टिकरापारा में 168 फ्लैट का निर्माण प्रस्तावित है। जिसके लिए निविदा आमंत्रित की गई है। जनवरी से प्राधिकरण द्वारा ऑनलाईन प्रणाली की शुरूआत की गई है।
उन्होंने कहा कि नवा रायपुर अटल नगर के विकास के लिए बीते 2 सालों में ऐतिहासिक निर्णय हुए हैं। नवा रायपुर अटल नगर देश का पहला ऋण मुक्त ग्रीनफील्ड शहर बना है। यह उपलब्धि राष्ट्रीय स्तर पर उल्लेखनीय मानी जा रही है। प्राधिकरण द्वारा 1,345 करोड़ के संपूर्ण ऋण का भुगतान किया गया। यह ऋण पूर्ववर्ती विकास परियोजनाओं से संबंधित था। अनुशासित वित्तीय प्रबंधन से यह संभव हो सका। किसी नए ऋण का बोझ नहीं डाला गया। ऋण चुकता होने के साथ 5,030 करोड मूल्य की भूमि और संपत्ति गिरवी-मुक्त हुई। अब ये परिसंपत्तियां पूरी तरह स्वतंत्र हैं। इससे निवेश और विकास प्रस्तावों को गति मिलेगी।
नवा रायपुर में औद्योगिक एवं व्यावसायिक गतिविधि बढ़ाने के लिए भी उल्लेखनीय पहल की गई है। 132 एकड क्षेत्र में टेक्सटाइल पार्क विकसित किया जा रहा है। टेक्सटाइल पार्क में लगभग 2,000 करोड के निवेश का अनुमान है। यह निवेश राज्य की औद्योगिक अर्थव्यवस्था को सशक्त करेगा। एमएसएमई और बड़े उद्योगों को अवसर मिलेंगे। निर्यात क्षमता में वृद्धि होगी। इस परियोजना से 12,000 से अधिक रोजगार सृजित होने की संभावना है। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार दोनों शामिल होंगे। स्थानीय युवाओं को अवसर मिलेंगे तथा क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी।
सेमीकंडक्टर और आईटी क्षेत्र में 1,800 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है। यह पहल उन्नत 5जी और 6 जी तकनीक को ध्यान में रखकर की गई है। इससे राज्य को तकनीकी मानचित्र पर नई पहचान मिलेगी। डिजिटल इकोसिस्टम मजबूत होगा। आईटी क्षेत्र से लगभग 10,000 नए रोजगार सृजित होने की संभावना है। उच्च कौशल आधारित रोजगार उपलब्ध होंगे। स्टार्टअप और तकनीकी कंपनियों को बढ़ावा मिलेगा।
श्री चौधरी ने कहा कि नवा रायपुर टेक-हब के रूप में उभरेगा। नवा रायपुर को कॉन्फ्रेंस कैपिटल के रूप में विकसित किया जा रहा है। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों को आकर्षित करने की योजना है। एमआईसीई टूरिज्म को बढावा मिलेगा। सेवा और पर्यटन क्षेत्र को नई गति मिलेगी।
श्री चौधरी ने बताया कि शहर को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में भी विकसित किया जा रहा है। आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और खुले स्थल उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इवेंट आधारित अर्थव्यवस्था को बढावा मिलेगा। स्थानीय सेवाओं में रोजगार बढ़ेगा। 400 करोड की लागत से इनलैंड मरीना परियोजना विकसित की जा रही है। यह पर्यटन और शहरी सौंदर्य दोनों को बढ़ाएगी। मनोरंजन के नए अवसर सृजित होंगे। ग्रीन और ब्लू इंफ्रास्ट्रक्चर को जोड़ा गया है।
120 करोड की लागत से आर्ट ऑफ लिविंग सेंटर विकसित किया जाएगा। यह आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बनेगा। वेलनेस टूरिज्म को प्रोत्साहन मिलेगा। शहर की सामाजिक पहचान मजबूत होगी। 230 करोड की लागत से साइंस सिटी विकसित की जा रही है। इससे शिक्षा और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा। छात्रों और युवाओं को विज्ञान से जोड़ने का उद्देश्य है। भविष्य उन्मुख सोच को प्रोत्साहन मिलेगा।
नवा रायपुर को मेडिकल हब बनाने के उद्देश्य से मेडी सिटी विकसित की जा रही है। यहां उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होंगी। क्षेत्रीय स्वास्थ्य सुविधाओं पर दबाव कम होगा। मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। मेडी सिटी में 300 बिस्तरों वाला हॉस्पिटलबॉम्बे हॉस्पिटल ट्रस्ट द्वारा विकसित किया जा रहा है। एजु सिटी के अंतर्गत NIFT और NIELIT को भूमि आवंटन की प्रक्रिया प्रगति पर है। डिजाइन और आईटी शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। उच्च शिक्षा संस्थानों का क्लस्टर विकसित होगा। देश विदेश के नामी शैक्षणिक संस्थानों के आने से नवा रायपुर ज्ञान केंद्र के रूप में उभरेगा।




